Sunday 4 September 2016

  मातृवन्दनम्                                       -गानम् 
- अय्यंपुष हरिकुमारः , कोच्ची  

हिमगिरि शृङ्गम् उत्तुङ्गम् 
भारतमातुर् मणिमकुटम्।
गङ्गा यमुना सिन्धु सरस्वति  
प्रवहति मातुर्हृदयतटम्।।

काश्मीरादि महोन्नददेशे 

विकसन्त्यधुना कुसुमानि
गायन्त्यचिरात् तानि सुमानि  
वन्दे-मातर-गानानि ।।
वन्दे मातरं........ वन्दे मातरम् ........

आरब- वङ्ग-महोदधिनायुत
हिन्दु-समुद्रो स्तौति चिरं ताम् ।
तस्य तरङ्गकरेण हारेण 

अर्च्यते मम भारत माता ।।
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